इस पुस्तक में व्यक्ति के लौकिक और पारलौकिक उत्थान के लिये तथा नित्य-नैमित्तिक काम्य कर्मों के सम्पादन के लिये शास्त्रीय प्रक्रिया प्रस्तुत की गयी है। इसमे प्रातःकालीन भगवत्स्मरण से लेकर स्नान, ध्यान, संध्या, जप, तर्पण, बलिवैश्वदेव, देव-पूजन, देव-स्तुति, विशिष्ट-पूजन-पद्धति, पञ्चदेव-पूजन, पार्थिव-पूजन, शालग्राम-महालक्ष्मी-पूजन की विधि तथा अन्त में नित्यस्मरणीय स्तोत्रों का संग्रह है।