Dhumavati Evam Baglamukhi Tantrik Sadhnae
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तंत्र शास्त्रों के अध्ययन करने से प्रतीत होता है कि उनके उद्देश्य विकृत नहीं हैं। कालक्रम से जिस प्रकार अन्य शास्त्रों और जाति संप्रदायों में अनेक प्रकार के दोष उत्पन्न हो गये, उसी प्रकार तंत्रों में स्वार्थी व्यक्तियों ने मिलावट करके अपने मतों का समर्थ करने के लिए ऐसे सिद्धांतों का प्रचलन किया जिन्हें घृणित समझा जाता है…
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Description
तंत्र शास्त्रों के अध्ययन करने से प्रतीत होता है कि उनके उद्देश्य विकृत नहीं हैं। कालक्रम से जिस प्रकार अन्य शास्त्रों और जाति संप्रदायों में अनेक प्रकार के दोष उत्पन्न हो गये, उसी प्रकार तंत्रों में स्वार्थी व्यक्तियों ने मिलावट करके अपने मतों का समर्थ करने के लिए ऐसे सिद्धांतों का प्रचलन किया जिन्हें घृणित समझा जाता है। तंत्र का उद्देश्य कभी भी साधक को निम्नगामी प्रवत्तियों में उलझाना नहीं है, अपितु उसे एक ऐसा व्यवस्थित मार्ग सुझाना है जिससे वह जीवन में कुछ आदर्श कार्य कर सके। धीरे-धीरे तंत्र मार्ग का भी अधिकांशत रूपांतर हो गया है और सामान्य लोगों ने उसे मारण, मोहन वशीकरण जैसे निकष्ट और दूषित कार्यों का ही साधन मन लिया है, परंतु मूल रूप से यही इसका उद्देश्य जान पड़ता है कि जो लोग घर-गृहस्थी को त्याग कर तप और वैराग्य द्वारा आत्मसाक्षात्कार करने में असमर्थ हैं, वे अपने सामाजिक और सांसारिक जीवन का निर्वाह करते हुए भी आध्यात्मिक दृष्टि से उन्नति कर सके। इस पुस्तक में पं.राधाकृष्ण श्रीमाली ने धूमावती तथा बंगलामुखी तांत्रिक साधनाओं का विस्तार से वर्णन किया है।
Dhumavati Evam Baglamukhi Tantrik Sadhnae
Additional information
Weight | 230 g |
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Name | Dhumavati Evam Baglamukhi Tantrik Sadhnae |
SKU | AGB01058 |
Pages | 152 |
Author | Pt. RadhaKrishna Shrimali |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Pocket Books |
1 review for Dhumavati Evam Baglamukhi Tantrik Sadhnae
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Jayasankar J Pillai (verified owner) –
A fantastic book on Dhumavati Devi